"डगर"(रुबाइ)

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 "जिगर की ख़बर थी   न मुझे दिल की ख़बर थी !   लड़ रही नज़र से मगर   मेरी नज़र थी !!   साज़ दे रही थी मुझे   ज़िन्दगी ...

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